समीक्षा: अमिता कर द्वारा रचित “आज़ाद पंछी”

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अमिता कर द्वारा रचित “आज़ाद पंछी” एक बेहद भावात्मक कविताओं का संग्रह यही जिसे लेखिका ने बेहद खूबसूरती से शब्दों में पिरोया है।
अपने जीवन के विभिन्न अनुभवों को बेहद बारीकी से अध्ययन कर अमिता कर ने बेहद सरल भाषा में ये कविताएं लिखी हैं। पुस्तक का शीर्षक उस पक्षी की उड़ान को दर्शाता है जिसने जीवन की तमाम झंझावातों का सामना कर आध्यात्मिक ज्ञान और आत्म-बोध रूपी उन्मुक्त नील गगन में विचरण किया हो। “आजाद पंछी” की कविता सभी कविताएं पाठकों को बांधकर रखती हैं, खासकर उन लोगों को जिन्होंने जीवन में कई उतार-चढाव देखें हैं। ये कविताएँ उस यात्रा का भी जिक्र करती हैं जिसके दौरान लेखिका ने हर रिश्ते, दोस्तों और समाज को करीब से जाना और अपने जीवन को एक ने दिशा दी। इस पुस्तक की कविताओं को पढ़कर ऐसा प्रतीत होता हैं जैसे हम लेखिका के अंतःकरण की आवाज़ सुन रहे हैं। पुस्तक की सभी कविताएं पठनीय हैं अतः किसी एक कविता का नाम उल्लेख करना उचित नहीं होगा।
लेखिका को उनके इस संकलन और आने वाले सभी संकलनों के लिए विशेष बधाई।